Friday, July 26, 2013

hdb27















વિશ્વાસ બધા જ વરદાનોનો આધાર છે.




Monday, July 22, 2013

hdb 23

God gives every bird it's worm, but he doesn't throw it into the nest.
                            


 
- Proverb

hdb23

"भारत में हनुमान जी को अजेय माना जाता है. हनुमान जी अष्टचिरंजीवियों में से एक हैं. कलयुग में हनुमान जी ही एक मात्र ऐसे देवता हैं जो अपने भक्तो पर शीघ्र कृपा करके उनके कष्टों का निवारण करते हैं. मंगलवार भगवान हनुमान का दिन है. इस दिन व्रत रखने का अपना ही एक अलग महत्व है.

Sunday, July 21, 2013

hdb 22

પંખીની  આંખથી  હું અજાણ છું
છતાં અર્જુનની હું ઓળખાણ છું
મને  કોલંબસે   આંખમાં  પૂર્યો
હું ટાપું શોધતું  કોઈ વહાણ  છું.
-  અજય પુરોહિત






Thursday, July 18, 2013

hdb 19

Writing is easy: All you do is sit staring at a blank sheet of paper until drops of blood form on your forehead


hdb 19

The will to win, the desire to succeed, the urge to reach your full potential… these are the keys that will unlock the door to personal excellence

hdb19

આંખ માંડીને જો સમર… ને ધન્ય થા

ક્યાં કશે કોઈ અવર…. ને ધન્ય થા!

 

‘ખૂલ જા સીમ…સીમ’ અને ખુલ્લી ગુફા;

ઘાલ ગજવે જશને સર…. ને ધન્ય થા!

 

કંઠ-કર્કશ…કૂડ કપટ ત્યાગી હવે;

સદ ..મધુથી ભર ભીતર…. ને ધન્ય થા!

 

મોર થાવાને અભરખે કાગરાજ;

લે,વધુ એક પીંછું ઘર…. ને ધન્ય થા!

 

છે બધાં જેવોજ તું, સ્વીકાર કર;

’ઉચ્ચ’ની સીડી ઊતર…. ને ધન્ય થા!

 

જા,થઈ જા, ખુદ બધા ‘બોજા’ રહિત;

કબ્રનો તુજ બોજ હર…. ને ધન્ય થા!

Wednesday, July 17, 2013

hdb 18


साकेत स्थित विशेष फास्ट ट्रैक में बचाव पक्ष ने अपने गवाहों की सूची पेश की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अभियुक्त अक्षय सिंह के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाया जाए। उन्होंने एसडीएम द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने के दौरान पुलिस पर दखल देने का आरोप लगाया था। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी दयान कृष्णन ने बचाव पक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिंह यह मांग अपनी प्रसिद्धि के लिए कर रहे हैं क्योंकि वे एसडीएम से विस्तार से पहले ही बहस कर चुके हैं। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष की मांग पर फैसला बृहस्पवितार तक सुरक्षित रख लिया।

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साकेत स्थित विशेष फास्ट ट्रैक में बचाव पक्ष ने अपने गवाहों की सूची पेश की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अभियुक्त अक्षय सिंह के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाया जाए। उन्होंने एसडीएम द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने के दौरान पुलिस पर दखल देने का आरोप लगाया था। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी दयान कृष्णन ने बचाव पक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिंह यह मांग अपनी प्रसिद्धि के लिए कर रहे हैं क्योंकि वे एसडीएम से विस्तार से पहले ही बहस कर चुके हैं। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष की मांग पर फैसला बृहस्पवितार तक सुरक्षित रख लिया।

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 व
साकेत स्थित विशेष फास्ट ट्रैक में बचाव पक्ष ने अपने गवाहों की सूची पेश की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अभियुक्त अक्षय सिंह के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाया जाए। उन्होंने एसडीएम द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने के दौरान पुलिस पर दखल देने का आरोप लगाया था। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी दयान कृष्णन ने बचाव पक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिंह यह मांग अपनी प्रसिद्धि के लिए कर रहे हैं क्योंकि वे एसडीएम से विस्तार से पहले ही बहस कर चुके हैं। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष की मांग पर फैसला बृहस्पवितार तक सुरक्षित रख लिया।

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 व
साकेत स्थित विशेष फास्ट ट्रैक में बचाव पक्ष ने अपने गवाहों की सूची पेश की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अभियुक्त अक्षय सिंह के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाया जाए। उन्होंने एसडीएम द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने के दौरान पुलिस पर दखल देने का आरोप लगाया था। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी दयान कृष्णन ने बचाव पक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिंह यह मांग अपनी प्रसिद्धि के लिए कर रहे हैं क्योंकि वे एसडीएम से विस्तार से पहले ही बहस कर चुके हैं। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष की मांग पर फैसला बृहस्पवितार तक सुरक्षित रख लिया।
 वसंत विहार गैंग रेप मामले में एक अभियुक्त ने मुख्यमंत्री को गवाह बनाने की मांग की है। बुधवार को अभियुक्ताें ने अपने गवाहों की सूची अदालत में पेश की। इस दौरान अभियुक्त अक्षय सिंह ने यह मांग अदालत में की। 
साकेत स्थित विशेष फास्ट ट्रैक में बचाव पक्ष ने अपने गवाहों की सूची पेश की। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश योगेश खन्ना के समक्ष अभियुक्त अक्षय सिंह के अधिवक्ता ए पी सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री शीला दीक्षित को बचाव पक्ष के गवाह के तौर पर बुलाया जाए। उन्होंने एसडीएम द्वारा पीड़िता के बयान दर्ज किए जाने के दौरान पुलिस पर दखल देने का आरोप लगाया था। विशेष लोक अभियोजन अधिकारी दयान कृष्णन ने बचाव पक्ष की इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि अधिवक्ता सिंह यह मांग अपनी प्रसिद्धि के लिए कर रहे हैं क्योंकि वे एसडीएम से विस्तार से पहले ही बहस कर चुके हैं। 
अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद बचाव पक्ष की मांग पर फैसला बृहस्पवितार तक सुरक्षित रख लिया।

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम समय-समय पर लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी को खुशहाल जीवन जीने के बारे में उपदेश दिया करते थे। इसी सिलसिले में एक दिन उन्होंने कहा, जगत में सत्य ही ईश्वर है।

धर्म की स्थिति सत्य के आधार पर टिकी रहती है। सत्य से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य कार्य नहीं है। दान, यज्ञ, होम, तपस्या और वेद सबका आश्रय सत्य है, अतः सत्यपरायण होना चाहिए।


मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम समय-समय पर लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी को खुशहाल जीवन जीने के बारे में उपदेश दिया करते थे। इसी सिलसिले में एक दिन उन्होंने कहा, जगत में सत्य ही ईश्वर है।

धर्म की स्थिति सत्य के आधार पर टिकी रहती है। सत्य से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य कार्य नहीं है। दान, यज्ञ, होम, तपस्या और वेद सबका आश्रय सत्य है, अतः सत्यपरायण होना चाहिए।


मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम समय-समय पर लक्ष्मण, सीता और हनुमान जी को खुशहाल जीवन जीने के बारे में उपदेश दिया करते थे। इसी सिलसिले में एक दिन उन्होंने कहा, जगत में सत्य ही ईश्वर है।

धर्म की स्थिति सत्य के आधार पर टिकी रहती है। सत्य से बढ़कर दूसरा कोई पुण्य कार्य नहीं है। दान, यज्ञ, होम, तपस्या और वेद सबका आश्रय सत्य है, अतः सत्यपरायण होना चाहिए।

राजा के धर्म पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि सत्य का पालन करना और प्रजा के लिए स्नेह एवं सद्भाव बनाए रखना राजा का प्रधान कर्म है। सत्य ही संपूर्ण जगत में प्रतिष्ठित है, इसलिए समस्त धर्मशास्त्रों व ऋषि-मुनियों ने सत्य पर अटल रहने की प्रेरणा दी है।

जगज्जननी सीता को संबोधित करते हुए प्रभु कहते हैं, हे सीते, माता-पिता और गुरु प्रत्यक्ष देवता हैं। इनकी अवहेलना कर अदृश्य देवताओं की आराधना लाभकारी कैसे हो सकती है? जिनकी सेवा से अर्थ, धर्म और मोक्ष, तीनों की प्राप्ति होती है, उन माता-पिता के समान इस संसार में दूसरा कोई भी नहीं है।

जो माता-पिता और आचार्यों (विद्वानों) का अपमान करता है, वह पाप का फल भोगता है और इहलोक एवं परलोक, कहीं का नहीं रहता। आसक्ति त्यागने की प्रेरणा देते हुए प्रभु श्रीराम कहते हैं, जीवन सदा उनके वश में होता है, जो सत्य पर अटल रहते हैं। इसलिए हर क्षण काल को याद रखते हुए सत्कर्मों में लीन रहना चाहिए।
सनातनी पंरपरा का लोकप्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा के फेर में फंस गया है। काशी के पंडितों के अनुसार 20 अगस्त को 10 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी इसके साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा के कारण रक्षाबंधन समेत अन्य शुभ कार्यों पर भी असर पड़ेगा।



20 तारीख को 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 28 मिनट भद्रा पुच्छ रहेगा। विशेष परिस्थिति में इस समय राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।
सनातनी पंरपरा का लोकप्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा के फेर में फंस गया है। काशी के पंडितों के अनुसार 20 अगस्त को 10 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी इसके साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा के कारण रक्षाबंधन समेत अन्य शुभ कार्यों पर भी असर पड़ेगा।

ऐसे में भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए व्रत रहने वाली बहनों को पूर्णिमा के भद्रा मुक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। 20 तारीख की रात साढ़े आठ बजे भद्रा समाप्त हो जाएगा। इसके बाद बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। लेकिन सूर्योस्त के बाद राखी बांधना भी शास्त्रानुसार उचित नहीं है, ऐसे में बहनों के लिए उलझन है कि वो अपने भैया की कलाई पर राखी कब बांधे।

महावीर पंचांग के संपादक पं. रामेश्वर ओझा के मुताबिक रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है। 21 तारीख की सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए बहनों के लिए उचित होगा कि 21 तारीख की सुबह भद्रा मुक्त समय में भाईयों की कलाई पर राखी बांधे। जो लोग भगवान को राखी बांधते हैं उन्हें 21 तारीख की सुबह 7.25 तक भगवान का पूजन और रक्षासूत्र बांधना होगा।

20 तारीख को 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 28 मिनट भद्रा पुच्छ रहेगा। विशेष परिस्थिति में इस समय राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।
सनातनी पंरपरा का लोकप्रिय त्योहार रक्षाबंधन इस बार भद्रा के फेर में फंस गया है। काशी के पंडितों के अनुसार 20 अगस्त को 10 बजकर 22 मिनट पर पूर्णिमा तिथि शुरू होगी इसके साथ ही भद्रा भी शुरू हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार भद्रा काल में राखी नहीं बांधनी चाहिए। भद्रा के कारण रक्षाबंधन समेत अन्य शुभ कार्यों पर भी असर पड़ेगा।

ऐसे में भाइयों की कलाई पर राखी बांधने के लिए व्रत रहने वाली बहनों को पूर्णिमा के भद्रा मुक्त होने का इंतजार करना पड़ेगा। 20 तारीख की रात साढ़े आठ बजे भद्रा समाप्त हो जाएगा। इसके बाद बहनें अपने भाईयों की कलाई पर राखी बांध सकती हैं। लेकिन सूर्योस्त के बाद राखी बांधना भी शास्त्रानुसार उचित नहीं है, ऐसे में बहनों के लिए उलझन है कि वो अपने भैया की कलाई पर राखी कब बांधे।

महावीर पंचांग के संपादक पं. रामेश्वर ओझा के मुताबिक रक्षाबंधन का त्योहार पूर्णिमा तिथि में मनाया जाता है। 21 तारीख की सुबह 7 बजकर 25 मिनट तक पूर्णिमा तिथि रहेगी। इसलिए बहनों के लिए उचित होगा कि 21 तारीख की सुबह भद्रा मुक्त समय में भाईयों की कलाई पर राखी बांधे। जो लोग भगवान को राखी बांधते हैं उन्हें 21 तारीख की सुबह 7.25 तक भगवान का पूजन और रक्षासूत्र बांधना होगा।

20 तारीख को 3 बजकर 30 मिनट से 4 बजकर 28 मिनट भद्रा पुच्छ रहेगा। विशेष परिस्थिति में इस समय राखी का त्योहार मनाया जा सकता है।

17

બિહારના સારણ જીલ્લામાં છાપરા ગામની એક સરકારી શાળામાં મધ્યાન્હ ભોજન માં પીરસવામાં આવેલી ખીચડી ખાધા પછી બાવીસ બાળકોના મોત નીપજ્યા છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રીએ ગઈકાલે આ આખા બનાવની નૈતિક જવાબદારી લઈને ભોજનમાં ઝેર નાખવામાં આવ્યું હોવાનો સનસનીખેજ આરોપ પણ ગઈકાલે મીડિયા સમક્ષ કર્યો હતો . આ બનાવમાં શાળાની એક શિક્ષિકા ઉપર શંકાની સોય તાકીને એના ઉપર સરકારે પોલીસ ફરિયાદ પણ દાખલ કરી દીધી છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી નું કહેવું છે કે શિક્ષિકાના પતિ તથા તેનો એક કૌટુંબિક સગો એક ચોક્કસ રાજકીય પક્ષ સાથે જોડાયેલો છે, અને બિહાર સરકારને બદનામ કરવા માટે તેમણે આ શિક્ષિકા ને હાથો બનાવીને બાળકોને પીરસવામાં આવેલા ભોજનમાં ઝેર નાખ્યું છે . હવે તપાસ પછી જવાબદાર જે હોય તે, પણ મધ્યાન્હ ભોજન વ્યવસ્થાના છીંડા બહાર આવી ગયા છે .
.

17

બિહારના સારણ જીલ્લામાં છાપરા ગામની એક સરકારી શાળામાં મધ્યાન્હ ભોજન માં પીરસવામાં આવેલી ખીચડી ખાધા પછી બાવીસ બાળકોના મોત નીપજ્યા છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રીએ ગઈકાલે આ આખા બનાવની નૈતિક જવાબદારી લઈને ભોજનમાં ઝેર નાખવામાં આવ્યું હોવાનો સનસનીખેજ આરોપ પણ ગઈકાલે મીડિયા સમક્ષ કર્યો હતો . આ બનાવમાં શાળાની એક શિક્ષિકા ઉપર શંકાની સોય તાકીને એના ઉપર સરકારે પોલીસ ફરિયાદ પણ દાખલ કરી દીધી છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી નું કહેવું છે કે શિક્ષિકાના પતિ તથા તેનો એક કૌટુંબિક સગો એક ચોક્કસ રાજકીય પક્ષ સાથે જોડાયેલો છે, અને બિહાર સરકારને બદનામ કરવા માટે તેમણે આ શિક્ષિકા ને હાથો બનાવીને બાળકોને પીરસવામાં આવેલા ભોજનમાં ઝેર નાખ્યું છે . હવે તપાસ પછી જવાબદાર જે હોય તે, પણ મધ્યાન્હ ભોજન વ્યવસ્થાના છીંડા બહાર આવી ગયા છે .

ફક્ત બિહારમાં જ આ બનાવ બન્યો છે, એવું ય નથી .દેશ ભરમાં અનેક જગ્યાએ આવા બનાવો વારંવાર બનતા આવ્યા છે, પરંતુ કોઈ ગંભીર બનાવ ન બને ત્યાં સુધી એ બહાર આવતો નથી . ગુજરાતમાં પણ ભૂતકાળમાં આવા બનાવો બન્યા છે .પ્રિન્ટ મીડિયા ભોજન માં પીરસતા અનાજ અને ભોજન ના ફોટા પાડીને સરકારને જગાડવાનો પ્રયાસ કરે છે, પણ સરકારી બહેરા કાન સુધી આ અવાજ પહોચતો જ નથી . ગુજરાતમાં તો મધ્યાન્હ ભોજન માટે આવેલું અનાજ પણ સગેવગે થઇ ગયું હોવાનું કૌભાંડ બહાર આવ્યું છે . તાજેતરમાં જ હિંમતનગર ની મોતીપુરા પ્રાથમિક શાળામાં સરકારી ચેકિંગ દરમિયાન મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી ઘઉં માં ખદબદતી જીવાત, દાળમાંથી માટી અને કચરો નીકળ્યો . આ અનાજ શાળાના 234 ભૂલકાઓને ખવડાવવામાં આવ્યું હોત , તો તેમની હાલત શું થાત, એની કલ્પના કરતા જ કંપારી છુટે છે .

સર્વ શિક્ષા આભિયાન અને કુપોષણ માટે જંગ લડતી સરકારો અને એના ઉપર મોટા મોટા ભાષણો કરનારા નેતાઓ આ વાતનું ધ્યાન રાખતા નથી . સરકારી શાળાઓમાં પણ પોતાના મળતિયાઓ દ્વારા મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી કટકી ખાનારા નેતાઓ જ્યાં સુધી દેશ અને રાજ્ય પર રાજ કરતા હશે ત્યાં સુધી કુપોષણ , ભ્રષ્ટાચાર ,જેવી સુફિયાણી વાતો ફક્ત ભાષણો પુરતી સીમિત જ રહેશે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી એ તો બાવીસ બાળકોના મોતની નૈતિક જવાબદારી લીધી , પણ જે લોકો નૈતિકતાની મોટી મોટી વાતો કરે છે, એ લોકો પોતાના પ્રધાનમંડળ ના મંત્રીને કોર્ટે ફરમાવેલી સજા પછીય એને નૈતિકતાના ધોરણે પ્રધાનમંડળ માંથી રુખસદ આપતા નથી, અને દેશભરમાં ફાંકા ફોજદારી કરતા રહે છે કે હું ખાતો નથી, ને ખાવા દેતો ય નથી એનું શું ? છો તરફ ભ્રષ્ટાચારીઓ નાં ટોળા લઈને બેઠેલા આ લોકો જયારે નૈતિકતાની વાતો કરે ત્યારે કહેવાનું મન થાય કે અન્યોને શિખામણ આપતા પહેલા પોતે અમલ કરતા શીખો . સત્યમેવ જયતે .

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બિહારના સારણ જીલ્લામાં છાપરા ગામની એક સરકારી શાળામાં મધ્યાન્હ ભોજન માં પીરસવામાં આવેલી ખીચડી ખાધા પછી બાવીસ બાળકોના મોત નીપજ્યા છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રીએ ગઈકાલે આ આખા બનાવની નૈતિક જવાબદારી લઈને ભોજનમાં ઝેર નાખવામાં આવ્યું હોવાનો સનસનીખેજ આરોપ પણ ગઈકાલે મીડિયા સમક્ષ કર્યો હતો . આ બનાવમાં શાળાની એક શિક્ષિકા ઉપર શંકાની સોય તાકીને એના ઉપર સરકારે પોલીસ ફરિયાદ પણ દાખલ કરી દીધી છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી નું કહેવું છે કે શિક્ષિકાના પતિ તથા તેનો એક કૌટુંબિક સગો એક ચોક્કસ રાજકીય પક્ષ સાથે જોડાયેલો છે, અને બિહાર સરકારને બદનામ કરવા માટે તેમણે આ શિક્ષિકા ને હાથો બનાવીને બાળકોને પીરસવામાં આવેલા ભોજનમાં ઝેર નાખ્યું છે . હવે તપાસ પછી જવાબદાર જે હોય તે, પણ મધ્યાન્હ ભોજન વ્યવસ્થાના છીંડા બહાર આવી ગયા છે .

ફક્ત બિહારમાં જ આ બનાવ બન્યો છે, એવું ય નથી .દેશ ભરમાં અનેક જગ્યાએ આવા બનાવો વારંવાર બનતા આવ્યા છે, પરંતુ કોઈ ગંભીર બનાવ ન બને ત્યાં સુધી એ બહાર આવતો નથી . ગુજરાતમાં પણ ભૂતકાળમાં આવા બનાવો બન્યા છે .પ્રિન્ટ મીડિયા ભોજન માં પીરસતા અનાજ અને ભોજન ના ફોટા પાડીને સરકારને જગાડવાનો પ્રયાસ કરે છે, પણ સરકારી બહેરા કાન સુધી આ અવાજ પહોચતો જ નથી . ગુજરાતમાં તો મધ્યાન્હ ભોજન માટે આવેલું અનાજ પણ સગેવગે થઇ ગયું હોવાનું કૌભાંડ બહાર આવ્યું છે . તાજેતરમાં જ હિંમતનગર ની મોતીપુરા પ્રાથમિક શાળામાં સરકારી ચેકિંગ દરમિયાન મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી ઘઉં માં ખદબદતી જીવાત, દાળમાંથી માટી અને કચરો નીકળ્યો . આ અનાજ શાળાના 234 ભૂલકાઓને ખવડાવવામાં આવ્યું હોત , તો તેમની હાલત શું થાત, એની કલ્પના કરતા જ કંપારી છુટે છે .

સર્વ શિક્ષા આભિયાન અને કુપોષણ માટે જંગ લડતી સરકારો અને એના ઉપર મોટા મોટા ભાષણો કરનારા નેતાઓ આ વાતનું ધ્યાન રાખતા નથી . સરકારી શાળાઓમાં પણ પોતાના મળતિયાઓ દ્વારા મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી કટકી ખાનારા નેતાઓ જ્યાં સુધી દેશ અને રાજ્ય પર રાજ કરતા હશે ત્યાં સુધી કુપોષણ , ભ્રષ્ટાચાર ,જેવી સુફિયાણી વાતો ફક્ત ભાષણો પુરતી સીમિત જ રહેશે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી એ તો બાવીસ બાળકોના મોતની નૈતિક જવાબદારી લીધી , પણ જે લોકો નૈતિકતાની મોટી મોટી વાતો કરે છે, એ લોકો પોતાના પ્રધાનમંડળ ના મંત્રીને કોર્ટે ફરમાવેલી સજા પછીય એને નૈતિકતાના ધોરણે પ્રધાનમંડળ માંથી રુખસદ આપતા નથી, અને દેશભરમાં ફાંકા ફોજદારી કરતા રહે છે કે હું ખાતો નથી, ને ખાવા દેતો ય નથી એનું શું ? છો તરફ ભ્રષ્ટાચારીઓ નાં ટોળા લઈને બેઠેલા આ લોકો જયારે નૈતિકતાની વાતો કરે ત્યારે કહેવાનું મન થાય કે અન્યોને શિખામણ આપતા પહેલા પોતે અમલ કરતા શીખો . સત્યમેવ જયતે .

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બિહારના સારણ જીલ્લામાં છાપરા ગામની એક સરકારી શાળામાં મધ્યાન્હ ભોજન માં પીરસવામાં આવેલી ખીચડી ખાધા પછી બાવીસ બાળકોના મોત નીપજ્યા છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રીએ ગઈકાલે આ આખા બનાવની નૈતિક જવાબદારી લઈને ભોજનમાં ઝેર નાખવામાં આવ્યું હોવાનો સનસનીખેજ આરોપ પણ ગઈકાલે મીડિયા સમક્ષ કર્યો હતો . આ બનાવમાં શાળાની એક શિક્ષિકા ઉપર શંકાની સોય તાકીને એના ઉપર સરકારે પોલીસ ફરિયાદ પણ દાખલ કરી દીધી છે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી નું કહેવું છે કે શિક્ષિકાના પતિ તથા તેનો એક કૌટુંબિક સગો એક ચોક્કસ રાજકીય પક્ષ સાથે જોડાયેલો છે, અને બિહાર સરકારને બદનામ કરવા માટે તેમણે આ શિક્ષિકા ને હાથો બનાવીને બાળકોને પીરસવામાં આવેલા ભોજનમાં ઝેર નાખ્યું છે . હવે તપાસ પછી જવાબદાર જે હોય તે, પણ મધ્યાન્હ ભોજન વ્યવસ્થાના છીંડા બહાર આવી ગયા છે .

ફક્ત બિહારમાં જ આ બનાવ બન્યો છે, એવું ય નથી .દેશ ભરમાં અનેક જગ્યાએ આવા બનાવો વારંવાર બનતા આવ્યા છે, પરંતુ કોઈ ગંભીર બનાવ ન બને ત્યાં સુધી એ બહાર આવતો નથી . ગુજરાતમાં પણ ભૂતકાળમાં આવા બનાવો બન્યા છે .પ્રિન્ટ મીડિયા ભોજન માં પીરસતા અનાજ અને ભોજન ના ફોટા પાડીને સરકારને જગાડવાનો પ્રયાસ કરે છે, પણ સરકારી બહેરા કાન સુધી આ અવાજ પહોચતો જ નથી . ગુજરાતમાં તો મધ્યાન્હ ભોજન માટે આવેલું અનાજ પણ સગેવગે થઇ ગયું હોવાનું કૌભાંડ બહાર આવ્યું છે . તાજેતરમાં જ હિંમતનગર ની મોતીપુરા પ્રાથમિક શાળામાં સરકારી ચેકિંગ દરમિયાન મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી ઘઉં માં ખદબદતી જીવાત, દાળમાંથી માટી અને કચરો નીકળ્યો . આ અનાજ શાળાના 234 ભૂલકાઓને ખવડાવવામાં આવ્યું હોત , તો તેમની હાલત શું થાત, એની કલ્પના કરતા જ કંપારી છુટે છે .

સર્વ શિક્ષા આભિયાન અને કુપોષણ માટે જંગ લડતી સરકારો અને એના ઉપર મોટા મોટા ભાષણો કરનારા નેતાઓ આ વાતનું ધ્યાન રાખતા નથી . સરકારી શાળાઓમાં પણ પોતાના મળતિયાઓ દ્વારા મધ્યાન્હ ભોજન ના અનાજમાંથી કટકી ખાનારા નેતાઓ જ્યાં સુધી દેશ અને રાજ્ય પર રાજ કરતા હશે ત્યાં સુધી કુપોષણ , ભ્રષ્ટાચાર ,જેવી સુફિયાણી વાતો ફક્ત ભાષણો પુરતી સીમિત જ રહેશે . બિહારના શિક્ષણમંત્રી એ તો બાવીસ બાળકોના મોતની નૈતિક જવાબદારી લીધી , પણ જે લોકો નૈતિકતાની મોટી મોટી વાતો કરે છે, એ લોકો પોતાના પ્રધાનમંડળ ના મંત્રીને કોર્ટે ફરમાવેલી સજા પછીય એને નૈતિકતાના ધોરણે પ્રધાનમંડળ માંથી રુખસદ આપતા નથી, અને દેશભરમાં ફાંકા ફોજદારી કરતા રહે છે કે હું ખાતો નથી, ને ખાવા દેતો ય નથી એનું શું ? છો તરફ ભ્રષ્ટાચારીઓ નાં ટોળા લઈને બેઠેલા આ લોકો જયારે નૈતિકતાની વાતો કરે ત્યારે કહેવાનું મન થાય કે અન્યોને શિખામણ આપતા પહેલા પોતે અમલ કરતા શીખો . સત્યમેવ જયતે .

Tuesday, July 16, 2013

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Success is simply a matter of luck.  Ask any failure.
                            


 
- Earl Nighti